ग़ज़लां

राजस्थानी ग़ज़ल री परम्परा घणी लांबी है। अठै उणी'ज परम्परा री बानगी सरूप ग़ज़लां रौ संग्रै करियोड़ो है।

अतुल कनक

1967

राजस्थानी-हिंदी रा चावा कवि-गद्यकार।

अब्दुल समद ‘राही’

इण सदी रा रचनाकार।

आनन्द प्रिय

चावा कवि-लेखक।