Anjas

ग़ज़ल

राजस्थानी ग़ज़ल आज आम आदमी रै जीवण री ग़ज़ल बणगी। ग़ज़ल में व्यवस्था रै खिलाफ बगावत रा तीखा तेवर अर व्यंग्य रा सुर आं ग़ज़लां में जबरौ दिखै। उणी’ज ग़ज़ल रो चावो राजस्थानी संग्रै अठै है।

मदन केवलिया

मदन केवलिया

राजस्थानी रा चावा कवि-लेखक।

मीठालाल खत्री
मोहन पुरी

मोहन पुरी

1982

नूवी पीढी रै लिखारां में ठावा कवि-गीतकार। 'अचपळी बातां' अर 'वो देखती है कनखियों से बाट फिर' नांव सूं पोथियां प्रकाशित।

मोहम्मद सदीक

मोहम्मद सदीक

1937 -1998

सिरै कवि-गीतकार। 'ताम झाम सा' अर 'बाबा थारी बकरियां बिदाम खावै रै' जेड़ा गीतां सूं ख्याति।