Anjas

ग़ज़ल

राजस्थानी ग़ज़ल आज आम आदमी रै जीवण री ग़ज़ल बणगी। ग़ज़ल में व्यवस्था रै खिलाफ बगावत रा तीखा तेवर अर व्यंग्य रा सुर आं ग़ज़लां में जबरौ दिखै। उणी’ज ग़ज़ल रो चावो राजस्थानी संग्रै अठै है।

इकराम राजस्थानी

इकराम राजस्थानी

1946

राजस्थानी रा चावा गीतकार।