ताऊ शेखावटी जलम: 1942 jaipur राजस्थानी कविता री मंच परम्परा रा मानीता हास्य कवि। प्रबंध काव्य माथै काम।
अस्त्र सस्त्र सिण्गार हुवै है, सीमा पर और सब कुछ ठीक है, चिंत्या न करियो, गांव में बै’ता ढाणा ठौर ठिकाणा, कुण जाणै किण पाळ कठै