ताऊ शेखावटी
राजस्थानी कविता री मंच परम्परा रा मानीता हास्य कवि। प्रबंध काव्य माथै काम।
राजस्थानी कविता री मंच परम्परा रा मानीता हास्य कवि। प्रबंध काव्य माथै काम।
कवि ताऊशेखावाटी (सीताराम जांगिड़) रो जलम 17 सितम्बर 1942 नै जिलै सीकर रै कस्बे रामगढ़ शेखावाटी रै मांय हुयो। आपरी भणाई मैकेनिकल इंजनियरिंग सूं हुई पण आपरी साहित्य कानी गाढ़ी रुचि हुवण सूं इण खेतर मांय घणो जस कमायो। व्यंग्यकार ताऊ शेखावाटी राजस्थानी भासा रै खेतर मांय हास्य अर व्यंग्य रो लूंठो कारज कर’र राजस्थानी साहित्य नै आखै जग मांय सनमान दिरायो है। ताऊ शेखावाटी राजस्थान प्रांत मांय ई नीं, आखै भारत मांय हुवण वाळा कवि सम्मेलन मांय राजस्थानी भासा रै काव्य नै मंच माथै लोकचावो करण री सांतरी खेचळ करी। आप राजस्थानी भाषा रै आगीवाण कवियां मांय आपरो नांव सिरै गिणायो।
छ्प्योड़ी पोथ्यां ‘हम्मीर महाकाव्य, मीरा राणाजी संवाद, हेली सतक सवाई (गीत संग्रै), बावळा रा सोरठा, बिदामी मौसी (उपन्यास), म्हे बिणजारा, गीतड़लां रा (गीत संग्रै), मारो भचीड़ (बालकथा संग्रै) हास्य व्यंग्य काव्य रै रूप मांय ‘साळाहेली, सुण ले ताई बावळी, ’कह ताऊ कविराय’, कह ताऊ कविराज, लोग हँसै तो हँसणै दे, ’हेली सतक सवाई’,’ताऊ मुक्तक हजारा’ आपरो काव्य फगत हास्य-व्यंग्य री दीठ सूं ई नीं, बल्कै गंभीर चिंतन सूं ई भरयोड़ो निजर आवै। आपरो अेक कहाणी संग्रै ’रूपली काकी’ ई छप्योड़ो है। ’मीरां-राणाजी संवाद’ अर ’हम्मीर महाकाव्य’ आद आपरै चिंतन सूं रचीज्योड़ी सांतरी पोथ्यां है।
आपनै सम्मान अर पुरस्कार राजस्थानी भाषा, साहित्य अर संस्कृति अकादमी, बीकानेर कानीं सूं जनकवि गणेशीलाल व्यास ’उस्ताद’ पद्य पुरस्कार’ अर राजस्थानी साहित्य अकादमी उदयपुर सहित नामी गिरामी संस्थावां सूं माण अर सम्मान मिल्या है।