

प्रेमजी ‘प्रेम’
हाड़ौती रा सिरैनांव कवि-गीतकार।
हाड़ौती रा सिरैनांव कवि-गीतकार।
अछूत
आंकड़ा का फूल
बाट न्हाळतां
बच्यारौ म्हूं
बाळपणा का ख्याल
बसंत कै दिन
बोध
चतराम
ढूमलो
गीतां को गेलो
हडूडो
जातरा
झूंठो बणज
झूठौ बणज
जोर
काळ
काळ-दुकाळ
कांई होसी?
कतनी ई बार
खोज
किरण की प्रीत
कुण
कुणस
लक्खण
लाय
लोभ
मंहदी नागरबेल
मायड़ सूं
म्हां नैं ऊं धरती सूं हेत
म्हारौ भोळी जीवड़ौ
म्हारो भोळो जीवड़ो
म्हारो सासरियो
मोट्यार मौसम
मूंडो दूधां धोयो
ओलात्यां सूं टपक्या आंखर
ओळूं
ओळूं घट की कस्तूरी
पछींत
परमेसर
पिछांण
रमजानी
रमझम रेखळी
सारस सूं
सरवर तीरां चांदणी
संझ्या : तीन चतराम
सुण ले बादळ म्हारी बात
तूं जामण को नरम काळज्यो
उतरी चांदणी
उतरी चांदणी