प्रेमजी ‘प्रेम’
हाड़ौती रा सिरैनांव कवि-गीतकार।
हाड़ौती रा सिरैनांव कवि-गीतकार।
अछूत
आंकड़ा का फूल
बच्यारौ म्हूं
बसंत कै दिन
बोध
चतराम
दरसाव
ढूमलो
हडूडो
जातरा
झूंठो बणज
जोर
काळ
काळ-दुकाळ
खोज
कुण
लक्खण
लाय
लोभ
म्हारौ भोळी जीवड़ौ
मूंडो दूधां धोयो
ओळूं
ओळूं घट की कस्तूरी
पछींत
पकड़
परमेसर
पिछांण
रमजानी
सारस सूं
सरवर तीरां चांदणी
संझ्या : तीन चतराम
सुण ले बादळ म्हारी बात
तूं जामण को नरम काळज्यो
उतरी चांदणी