प्रेमजी ‘प्रेम’
हाड़ौती रा सिरैनांव कवि-गीतकार।
हाड़ौती रा सिरैनांव कवि-गीतकार।
जन्म: 20 Jan 1943 | घघटाना,भारत
निधन: 02 May 1993
प्रेम जी प्रेम रौ जलम 20 जनवरी 1946 नै हाड़ौती अंचळ रै गाम घघटाणा (कोटा) मांय हुयौ। प्रेम जी प्रेम राजस्थानी कविता जातरा में नुंवै तेवर रा कवि हा। हाड़ौती छेतर में सिमरध रैयी मंच री कविता में वांरौ नांव चाव सूं लियौ जांवतौ। प्रेम जी प्रेम री ओळखाण कहाणीकार, निबंधकार, उपन्यासकार, नाटककार अर सोधकर्ता रै रूप में ई ठावी रैई। आपरी पोथ्यां मांय 'चमचो' (व्यंग्य संग्रै), 'सेळी छांव खजूर की' (उपन्यास), 'सूर' (खंडकाव्य), 'सरवर सूरज अर सिंझ्या' (गीत संग्रै) प्रकाशित है। वांरी चर्चित पोथी 'म्हारी कवितावां' माथै वांनै केन्द्रीय साहित्य अकादमी रौ पुरस्कार मिल्यौ। वांरी पिछाण संपादक रै रूप में ई ठावी रैई। वां 'चिदंबर' अर 'चामळ’नांव री पत्रिकावां रो संपादन पण करियो। वां कई हिन्दी नाटकां रो निर्देसन अर सिविरां रो आयोजण पण सांवठै रूप मांय करियौ।