श्याम महर्षि जलम: 1943 bikaner आठवें दसक री राजस्थानी कविता रा उल्लेखणजोग कवि। त्रेमासिक पत्रिका 'राजस्थली' रा संपादक।
आवण वाळा दिन अबै बोलण लागग्या है केई लोग आभौ अछूत अकाल अंधारपख भैस्यां बिरखा सूं पै'ल्यां बुहारी चिड़कली चिट्ठी डाणगत घर गांव गांव री लुगायां हाथ झमकू जुलम कविता कुम्हारां रो बास मा जाई बैनां म्हारो गांव मिनखपणौ पोसाळ पूछैला अक दिन सुपनो थम्योड़ो गांव ऊगतो सूरज