बगतां री बातां माथै

लाग्योड़ी खड़ी पाई दांई

गांव

थम्योड़ो है

दूजां गावां री चाल

आगै

आज भी

इण गांव री चाल

बैल गाड़ी रे चक्के दांई

चरक्क चूं चरक्क चूं करै

अर जगाई

थम्यो खड्यो है,

गांव कै सारै स्यूं

बगती सड़क

पड़ी-पड़ी अकरांसी जैड़ डील दांई

मन मन कीं लखावै

गांव खैड़े रो खेजड़लो

आज भी ग्राम देवता

दांई मानीजै

पूजीजै।

इण गांव मांय

ओज्यू

ठाकर उम्मेद सिंह रो ठरक्को

अर भैरै चौधरी री चौधर

बिना पंचायत अर कानून रै

चालै

ओज्यूं

गांव मांय

अपराद रै बदळै

दण्ड रो मोल

पींजरै रा मोठ

पांच सेर घी

अथवा दौ सौ रुपियां रो

जुर्मानो कर'र

न्याव करयो जावै।

इण गांव री

गुवाड़, कुवै री चाठ

अर जोड़ री पाळ

बींया खड़ी

आपोपरी मांय बतळावण करै,

रात बिजळी स्यूं

लुकती-छिपती रै'वै।

मेघल कोटवाळ रो हेलो

अेवड़ रो टोकरियो

अर बोड़ियै कुवै रो

किलीयो भैरियो

सुणिजै ओज्यू

इण गांव मांय

गांव रा टूटया झूपड़ा

दिठावै कै

गांव सै'रा स्यूं

बीयां अछूतो है जियां

समाज रा दूजा लोग।

स्रोत
  • पोथी : जागती जोत ,
  • सिरजक : श्याम महर्षि ,
  • संपादक : मोहनलाल पुरोहित
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