

चन्द्र प्रकाश देवल
सिरैनांव कवि-उल्थाकार अर संपादक। पदमश्री अर साहित्य अकादमी रै सिरै पुरस्कार सूं सम्मानित।
सिरैनांव कवि-उल्थाकार अर संपादक। पदमश्री अर साहित्य अकादमी रै सिरै पुरस्कार सूं सम्मानित।
अबै जावूं
अदीठ मारग
अेक कवि री आयस
अेका-दोई
अहिंसा
अपां छळ किणसूं करां
आपांरै बिचाळै
आरसी रौ छळ
अरदास
औ नाटक कोनीं
बहुवचन
बापू रौ चसमौ
बीह
भासा रै बिना
भासा रौ भरोसौ
भूल-बूंटी*
बिखायती मारग
बिरथा-कळाप
बोध रौ मारग
चंडीगढ़ जैड़ा किणीं स्हैर में
चसमौ
छेहला बोल
चिराळी री गूंज
डरपणो
धणियाप
हेजळा आखर
इकडंकी मारग
इळा री गळाई
जांमण
जथारथ री छिब
जुद्ध
जुमलो
कांई करां हजूर!
कांटाळी भूख
करां कांई
कठै मारग
कवि व्हैणौ पीड़ रौ रियाज करणौ व्है
कविता रौ मूंन
खतावणी
खोट
कोड्यां वाळा नेत, म्है अर बकरियो
ललद्यद सूं बंतळ
लालू दादो
लींबड़ी
लूंण री जात
लोप व्हैण नै ताखड़ौ
मन रा पंपाळ
मारग
मारग
मारग : आंक अर आंखर
मारग रै सीगै
मारग रौ डर
मारग रौ कोढ
मारग री हूंस
मारग री मौत
मारग री पिछांण
मारग रौ साच
मसीन अर बापू
माठ झालौ
मौत रौ मारग
मायड़भासा रौ निवाछ
म्हैं थार रौ कवि
म्हां कीं नीं जांणां
मोब लिंचिंग
मूंन रौ जलमणौ
मूंन व्हैजा
मुगती
नेहचौ
निपाप भासा
निसतारौ
निवेड़ौ
नुसखौ
ओळबौ
ओळखांण
ओळूं में भासा
पछै पछै रै उणियार
पडूत्तर
प्रग्या
प्रवासी
प्रीत
सबद खोजू
सांप-सीढ़ी रौ गत्तौ
सनेसौ
सांम्हेळौ
सपनै री सीव माथै बाड़
सतायोड़ां री भासा
सिरोळी सांयत
सुमरण रा बोल
थारौ वासौ
ठावी बात
उत्तर-आधुनिक वेळा में