ठाकुर गुमानसिंह 1840-1914 Mewar मेवाड़ रा सिरै भगत कवि अर योग साधक। भगती, मीमांसा, योगसार आद रा छंद, पद अर कवित्त खातर चावा।
दूहा5 कृपाल आपको प्रताप- छंद नाराच दसम घर बिचह गयह- छंद रैणकी पद री रज तोरय- छंद रोमकंद योग गुण हे सिख सूकरमी,भांग हु भरमी- छंद त्रिभंगी