हे सिख सूकरमी, भांग हु भरमी, जानहु मरमी, यह मेरा।

वा मिल अनहद्दा, होय जुद्दा, येही मुद्दा, देखेरा।

जह जोत हि जोता, एतहि पोता, जागत सोता, घरपावा।

वां भिन्न भावा, रहै कावा, आवन जावा, नह दावा॥

पय खीर मिलायै, अचल रहायै, ऐसै आये, सुन्य मांयै।

वह रैनी नांहै, प्रात नव्हाहै, बीच रहा है, सुख मांयै।

तह तेज स्वरूपा, आपन रूपा, पालहि भूपा, जल नावा।

वां भिन्न भावा, रहै कावा, आवन जावा, नह दावा॥

अगमापुर धांमी, रहत अरांमी, सेवग स्वामी, व्हे भेला।

एला वो पेला, सुखमण मेला, होय उजेला, भावैला।

ये अकथ कहांनी, कहै बांनी, लोहा चंबुक, लपटावा।

वां भिन्न भावा, रहै कावा, आवन जावा, नह दावा॥

अगमापुर धांमी, रहत अरांमी, सेवग स्वामी, व्हे भेला।

एला वो पेला, सुखमण मेला, होय उजेला, भावैला।

ये अकथ कहांनी, कहै बांनी, लोहा चंबुक, लपटावा।

वां भिन्न भावा, रहै कावा, आवन जावा, नह दावा॥

है एक दूजा, दोय तीजा, यक रंग भीजा, सच सीजा।

नह उलटन पुलटा, है सच सुलटा, नांहिन कुलटा, मिल गरजा।

जय व्हे यक तारा, गगन मझारा, वारन पारा, मिल रावा।

वां भिन्न भावा, रहै कावा, आवन जावा, नह दावा।

जी, आवन जावा नह दावा॥

स्रोत
  • पोथी : गुमान ग्रंथावली ,
  • सिरजक : ठाकुर गुमानसिंह ,
  • संपादक : देव कोठारी ,
  • प्रकाशक : साहित्य संस्थान, राजस्थान विद्यापीठ, उदयपुर। ,
  • संस्करण : प्रथम