दसम घर बिचह गयह सुरत जहं बजह अनह हद नदह जहै।

कह वह भवह अजह जह फनपत यनह पुलह तह भलह वहै।

यह मह ततह करह जह जगतह सहस सहस मह गतह बजै।

भगवंत मुझै भवपार उतारन सुन्य अनाहद नाद सजै॥

वजन कहन मन हुलसन जन कहन बनन पुन कहन करै।

सुरत चल मलन त्रगुट घटन भल क्रमन दलन जिन सचह धरै।

प्रथम बजन तन तनन तनन तन चनन चनन चन चनन चजै।

भगवंत मुझै भवपार उतारन सुन्य अनाहद नाद सजै॥

झल्लीकर झनन भनन भन मधुकर सुनन सदन बीच मनन हरै।

बंसी बजन मधुरि धुनि निकसन चतन टरन तह जगन परै।

शंखन सनन झनन कर झीझन तनन खन सुन वै लजै।

भगवंत मुझै भवपार उतारन सुन्य अनाहद नाद सजै।

मुरचंग चंग बजंग त्रतंग म्रदंग संग उतंग उमंग संग संगह रमै।

झगझगकर दिपग तहग टगटग लग मनंग पतंगविंग दहग दमै।

अंगअंग उमग थ्रियग थ्रंगथ्रंग जग द्रंग द्रंगग सुनग सब करमभजै।

भगवंत मुझै भवपार उतारन सुन्य अनाहद नाद सजै॥

उदियत चंद सरद नसि अदबद मनद कुमद जद सम विकसै।

बन शश व्है चांदन सद पय नद मनहु अमृत हद नद निकसै।

उड़गन ददिपद जदव्है गदगद गिरमंदमंदह सुगंध जद पवन बजै।

भगवंत मुझे भवपार उतारन सुन्य अनाहद नाद सजै॥

मुरली रट नपट सुनत तह अटपट झटपट मट घट बट झपठी।

बट-बटव सुखम तट उलट त्रगुट मट नरख पितम छट झटदपटी।

चटपट लगट करट लटपट तह व्है गटपट सट करम तजै।

भगवंत मुझै भवपार उतारन सुन्य अनाहद नाद सजै॥

रणझण वजण मनण तण रजियण गयण गजण कुण वयणभणै।

सबदण सुणण नयण झुक गुणियण नह जणियण अणभेद घणै।

नव सतण नदण पिछमउलटण जण वहण करण अस मणण कजै।

भगवंत मुझै भवपार उतारन सुन्य अनाहद नाद सजै॥

स्रोत
  • पोथी : गुमान ग्रंथावली ,
  • सिरजक : ठाकुर गुमानसिंह ,
  • संपादक : देव कोठारी ,
  • प्रकाशक : साहित्य संस्थान, राजस्थान विद्यापीठ, उदयपुर। ,
  • संस्करण : प्रथम