सहजो बाई 1725-1805 mewat 'चरणदासी पंथ' रा संस्थापक चरणदास जी री शिष्या अर मेवात छैतर सूं संबंधित चावी संत कवयित्री।
चौपाई4 नमो नमो गुरु देवन देवा पेट बड़ा मुख सूई समाना राम तजूं मैं गुरु न बिसारूं साध सोई जो काया साधे
दूहा5 अस्सी बरस ऊपर लगी तीनों अवस्था बीत कर दुक्ख सुक्ख बढ़ने लगा प्रेम दीवाने जो भए सब परबत स्याही करूं