तीनों अवस्था बीत कर, चौथी आई मंद।

वृद्ध अवस्था सिर चढ़ी, तहू चेता अंध॥

स्रोत
  • पोथी : सहजोबाई की बाणी - सहज प्रकाश (जन्मदशा अंग से) ,
  • सिरजक : सहजो बाई ,
  • प्रकाशक : बेलडियर प्रेस, प्रयाग ,
  • संस्करण : सातवां संस्करण