पेट बड़ा मुख सूई समाना,

भूख प्यास में फिरै दिवाना।

भटकत फिरै ठौर नहीं पावै।,

लागत फिरै जूतियां खावै॥

वासा लहै कुचील ठिकाना,

आप कुचील कुचीलहि बाना।

पाप करै हरि कूं बिसरावै,

सहजो कहै सो यह गति पावै॥

स्रोत
  • पोथी : सहजोबाई की बाणी - सहज प्रकाश (अकाल मृत्यु अंग से) ,
  • सिरजक : सहजो बाई ,
  • प्रकाशक : बेलडियर प्रेस, प्रयाग ,
  • संस्करण : सातवां संस्करण