दुक्ख सुक्ख बढ़ने लगा, पांच बरस भइ देह।

जब पढ़ने बैठाइया, अपनी विद्या लेई॥

स्रोत
  • पोथी : सहजोबाई की बाणी - सहज प्रकाश (जन्मदशा अंग से) ,
  • सिरजक : सहजो बाई ,
  • प्रकाशक : बेलडियर प्रेस, प्रयाग ,
  • संस्करण : सातवां संस्करण