मोहम्मद सदीक 1937-1998 bikaner सिरै कवि-गीतकार। 'ताम झाम सा' अर 'बाबा थारी बकरियां बिदाम खावै रै' जेड़ा गीतां सूं ख्याति।
आजादी बाबा थारी बकरियां बाड़ खेत नै खावै है डर सूं डरो दुख री लागी दूणा थे मजा करौ म्हाराज! आज थारी पांचूं घी में है अंतस-तास तळै म्हारा मनवा जीमो बेटा रात अंधारी जोख्यूं लख अनेक कामणी लुळ-लुळ करो सलाम मन रो मान सरोवर नूवां अरथ पग डांडी रा मोड़ सप्पमपाट तामझामसा थै जाणो थांरो जाणै राम