लुळ-लुळ करो सलाम
देस री माटी नै परणाम करो।
जागो जनगण जागो
राती घाटी नै परणाम करो।

जीवै जलम-भोम रें खातर
प्राण होमतां जेज कठै
बलिदानी वीरां सूं सीखो
सीस देवणो बात सटै 
सदिया जिण पर लेख लिखै
उण पाटी नै परणाम करो।
जलम भोम रो उणियारो
सों-ममता रो उणियारो है
भूखै-तिरसै जीव-जगत नै
अन्न-जळ रो पूरसारो है
भोभर में कसमसती बळती
बाटी नै परणाम करो।
लुळ-लुळ करो सलाम
देस री माटी नै परणाम करो।
स्रोत
  • पोथी : बिणजारो पत्रिका ,
  • सिरजक : मोहम्मद सदीक ,
  • संपादक : नागराज शर्मा
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