मोहम्मद सदीक
सिरै कवि-गीतकार। 'ताम झाम सा' अर 'बाबा थारी बकरियां बिदाम खावै रै' जेड़ा गीतां सूं ख्याति।
सिरै कवि-गीतकार। 'ताम झाम सा' अर 'बाबा थारी बकरियां बिदाम खावै रै' जेड़ा गीतां सूं ख्याति।
आँच ही आँच
अजै जूझणो पड़सी
आंकस रै बीं बीज ने
अन्तस उठ बोल्यो
आपैरी अपणास
बैठी बैठी बोली यूं
बीज बांझड़ो
भौळी जनता
चौफेर
चेत मानखा चेत
धड़ रो मोल सीस बिन कोनी
घमलै रा फूल
गूंग रो घून्ट
गुवाड़ रो जायो
हम्मै कैवो किर किर आई
होकड़ा उतार
हूक री कूक
कसूम्बा
लोकराज
मानखै री पत
मानखो
मोसमी कूकड़ा
नूंथोर
ओ कुण
रब राखै सो रैसी राम
सांवरयेरी सारंगी
सुळ सुळियो
थड़ी करो
ठाग पर बंध्योड़ा सूदा सांसर
टिल्लो
उणियारै री आरसी