कुन्दन माली जलम: 1957 udaipur चावा कवि-आलोचक। 'आलोचना री आंख सूं' आलोचना पोथी पर केन्द्रीय साहित्य अकादमी पुरस्कार।
आंतरो बादळ बिरखा बिजळी बदळाव बंटवाड़ो भरम अर जथारथ बोल माछळी दरसाव घर छोडती बगत जग रो रूप-सरूप जीवट जीवौ सौ बरस जूण-कथा जोत उजाळी कांईं चावै है मा? किणनै पूछां? लेखजोग म्हारौ बरजणौ परदेश में पिछांण पोतै कांईं बचैला ? संगत संका थांरै कारण