कुन्दन माली
चावा कवि-आलोचक। 'आलोचना री आंख सूं' आलोचना पोथी पर केन्द्रीय साहित्य अकादमी पुरस्कार।
चावा कवि-आलोचक। 'आलोचना री आंख सूं' आलोचना पोथी पर केन्द्रीय साहित्य अकादमी पुरस्कार।
जन्म: 14 Oct 1957 | उदयपुर,भारत
राजस्थानी रा चावा-ठावा कवि-आलोचक अर अनुवादक कुंदन माली रौ जलम 5 अक्टूबर 1955 नै उदयपुर मांय हुयो। वां पत्रकारिता री पढ़ाई करी अर पीएच.डी. री उपाधि ई लीवी। कुंदन माली री ओळखाण राजस्थानी रै आधुनिक साहित्य रै पारखी रै रूप मांय न्यारी-निकेवळी कायम करियोडी है। राजस्थानी री आलोचना री भौम लगैटगै खाली ई लखावै;कुंदन माली उण सुनियाड़ में एक हाजरी भर ई सही,पण सामिल व्हिया।
'जग रौ लेखो', 'सागर पांखी', 'अंजळ पाणी' (कविता-संग्रै), 'समकालीन राजस्थानी काव्य : संवेदन अर सिल्प', 'आलोचना री आंख सूं', 'गद्य विमर्श: रचना तत्त्व अर सैद्धांतिकी (आलोचना)', 'भगवती लाल व्यास’ (सोध),'गोस्ठी', 'आलोचना रा असूल', 'अंधारी गळी में धोळा टपका' (अनुवाद) आद वांरी टाळवी पोथियां है। इण रै अलायदा हिंदी में ई वांरौ रचना-संसार लगोलग सिरजणरत है।
वांनै भासा रै पेटे साख बधावण सारु केई सम्मान मिल्या जिणमें गुजरात-हिंदी साहित्य अकादमी रौ ‘आलोचना पुरस्कार’,अंतररास्ट्रीय हिंदी समिति रौ 'ज्ञानदीप निबंध पुरस्कार', राजस्थानी भासा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी रौ 'शिवचन्द्र भरतिया गद्य पुरस्कार', 'सूर्यमल्ल मीसण सिखर पुरस्कार', राजस्थान साहित्य अकादमी रौ 'देवराज उपाध्याय आलोचना पुरस्कार', 'गौरीशंकर कमलेश राजस्थानी पुरस्कार', साहित्य अकादेमी, नवी दिल्ली रौ 'राजस्थानी पुरस्कार' अर 'राजस्थानी अनुवाद पुरस्कार'आद सामिल है।