जित्ता दिन रा अंजळ पाणी

उत्ती लाम्बी राम कहाणी

दस दिन खैंची सौ दिन ताणी

खुद भरमाया आप बखाणी

जित्ता दिन रा अंजळ पाणी

उत्ती लाम्बी राम कहाणी!

थाक्या बळद टूटगी घाणी

काचा हा अर काळा हा तिल

तिल म्हैं थारी भांत पिछाणी

जित्ता दिन रा अंजळ पाणी

उत्ती लाम्बी राम कहाणी!

थारी रंगत थारी संगत

थारा वेण अर थारी वाणी

रैवै चोखा कींकर ठाणी

थे तो चाल्या ऊंट पलाणी

जित्ता दिन रा अंजळ पाणी

उत्ती लाम्बी राम कहाणी!

गुमग्या वै तो समैफेर में

क्यूं सोधो हो राजाराणी

डूंजै बै ग्या मै'ल-माळिया

बच्या रैयग्या गांव अर ढाणी

जित्ता दिन रा अंजळ पाणी

उत्ती लाम्बी राम कहाणी!

संस्कार बिकै अब बजारां

किण बूतै चीजां मोलाणी

जीत गैया बै सब खेलां में

थे कांई है मन में ठाणी

जित्ता दिन रा अंजळ पाणी

उत्ती लाम्बी राम कहाणी!

सौ बरसां री व्है जिनगाणी

बातां नीं रह जाय अजाणी

जग आखै रा सुख थारै है

म्हारै पांती गजलां गाणी

जित्ता दिन रा अंजळ पाणी

उत्ती लाम्बी राम कहाणी!

स्रोत
  • पोथी : अंजळ पाणी ,
  • सिरजक : कुन्दल माली ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी