किण विध भागी बस्ती आखी

किण विध भाग्या लोग

किण विध छूटी जीवण-छाया

किण विध लाग्या रोग?

किण विध छूटी चिलम-तमाखू

किण विध छूटा हेत

किण विध गाया राग-तमूरा

किण विध बांझड़ खेत?

किण विध छूटी आवण-जावण

किण विध मेळ-मिलाप

किण विध पसरी मोटी बुद्धि

किण विध लागी छाप?

किण विध पाछै चाली दुनिया

किण विध लालच-पाप

किण विध खुद नै निरखी दुनिया

किण विध दुख-संताप?

किण विध ऊभा दूरा-दूरा

किण विध रूंख बबूल

किण विध टणका उणरा ठसका

खुद नै बैठ्या भूल?

किण विध मुस्किल हुयौ पीवणौ

किण विध मुस्किल इमरत दान

किण विध मुस्किल हुयौ सीवणौ

किण विध फाट्यौ जीवण-थान?

स्रोत
  • पोथी : अंवेर ,
  • सिरजक : कुंदन माली ,
  • संपादक : पारस अरोड़ा ,
  • प्रकाशक : राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी, बीकानेर ,
  • संस्करण : पहला संस्करण