
भारत रा रचनाकार
कुल: 684
कुल: 684
अलवर महाराजा बख्तावर सिंह रा आश्रित कवि। डिंगल व पिंगल दोन्यू धारावां में समान रूप सूं काव्य सिरजण। 'वाणी भूषण', 'राजनीती चाणक्य', 'अवध पच्चीसी', 'मिथिला पच्चीसी', 'जनक शतक' आद रचनावां अर 'बिहारी सतसई' व 'कविप्रिया' रा टीकाकार रै रूप में चावा।
राजस्थानी रा पैला जनकवि। रचनावां में सामाजिक व्यंग्य रै साथै साहित्यिकता, ऐतिहासिकता अर आध्यात्मिकता रो त्रिवेणी संगम निंगै आवै। पाखंड, कुरीतियों अर नशै माथै चोट करता थका जन जागरण रो उद्घोष करियो। दयानंद सरस्वती सूं प्रभावित।
सोलहवीं सदी रै सिरै कवियां में शुमार। गिरि-सुमेल रै जुद्ध में राव मालदेव कानी सूं लड़तां थका काम आया। फुटकर डिंगल गीत मिळै।