आईदान सिंह भाटी जलम: 1952 जोधपुर संभाग चावा कवि। कवितावां में लोकधर्मिता सारु राजस्थानी कविता जातरा में न्यारी ठौड़।
कविता19 औ कुण आयो, औ कुण आयो? अेक दिन जरूर पाछौ आवैला मास्टर कविता नीं है प्रळै-काळ रौ रूंख कांई व्हियौ व्हैला पछै चिड़कलियां रौ? रात