ग़ज़ल5 आदमी रो आज है, गवाळ आदमी आदमी रो आज है, गवाळ आदमी कपट कळदार घणा हाकम खुद होवे है, चांदी रो चिळको हाकम खुद होवे है, चांदी रो चिळको
ग़ज़ल5 आदमी रो आज है, गवाळ आदमी आदमी रो आज है, गवाळ आदमी कपट कळदार घणा हाकम खुद होवे है, चांदी रो चिळको हाकम खुद होवे है, चांदी रो चिळको
जेठानंद पंवार श्यामसुंदर भारती उषाकंवर राठौड़ स्वामी खुसाल नाथ शक्तिदान कविया रेवंत दान बारहठ मोहन सिंह रतनू रेवतदान चारण कल्पित