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जोधपुर नरेश मानसिंह रा गुरु। 'रामला रा सोरठा' नामी रचना। नाथ पंथ सूं सम्बंधित।
मध्यकालीन चारण कवि। विसर काव्य रा फुटकर डिंगल गीत रचिया।
मध्यकाल रा जैन कवि।
कम चर्चित डिंगल कवि।
उत्तर मध्यकाल रा चावा संत कवि। सूफ़ी मत अर वेदांत सूं प्रभावित। काव्य में अफंड, आडंबर, धेख आद माथै प्रहार रै साथै सांप्रदायिक सद्भावना रौ सुभग संदेश।