बीकानेर रा रचनाकार
कुल: 43
कुल: 43
विश्नोई पंथ रै संस्थापक गुरु जांभोजी रा हुजूरी सिस्य अर गायन विद्या मांय अति निपुण संतकवि।
अगरचन्द नाहटा राजस्थानी जैन साहित्य रा विशेषज्ञ अर अनुसन्धानपूर्ण लिखारा,सम्पादक हा।
भासा-सिल्प सारु न्यारी ठौड़ राखणिया सिरैनांव कवि-कहाणीकार-उपन्यासकार। 'मेवे रा रूंख' पोथी माथे केन्द्रीय साहित्य अकादमी पुरस्कार।
सुपरिचित कवि-गद्यकार। 'अलेखूं अंबा' नाटक पर केंद्रीय साहित्य अकादेमी रौ सिरै पुरस्कार।
मूल रूप सूं कहाणीकार। कवितावां ई लिखी। 'सोवियत लैंड नेहरु पुरस्कार' सूं सम्मानित।
प्रयोगां अर नवाचारां नै लेय’र ठावी पिछाण। ‘अमर शहीद’ नाटक पाठ्यक्रम में। रंगमंच सूं गै’रो जुड़ाव। साहित्य अकादेमी सूं पुरस्कृत।
पत्रकारिता, रंगमंच अर साहित्य में ठावी पिछाण। सौ सूं बैसी पोथ्यां रो लेखण।
मंचा माथै आपरै गीतां सूं ठावी पिछाण बणाई है। कवितावां में आपरै असवाड़ै-पसवाड़ै री चिंतावां नै सामीं लावै।
सिरै कवि-गीतकार। 'ताम झाम सा' अर 'बाबा थारी बकरियां बिदाम खावै रै' जेड़ा गीतां सूं ख्याति।