जयपुर रा रचनाकार
कुल: 14
कुल: 14
‘गांव, गळी, चोबारा छूट्या अेक पेट कै कारणै’ गीत सूं चरचा में। गीतां में गांव-गुवाड़ अर जीयाजूण रा सांवठा चितराम। सिनेमा सूं जुड़ाव। ‘भरत व्यास सम्मान’ सूं आदरीज्योड़ा।
जैन धर्म रे तेरापंथ धर्म संघ रा चौथा आचार्य। मूल नांव जीतमल हो, जय नाम सू साहित्य लेखन करता।
निम्बार्क संप्रदाय रा प्रमुख आचार्य अर 17वीं सदी रा ठावका संत कवि। रचनावां पिंगल भाषा में व सगुण-निरगुण विचार परंपरावां सूं समान रूप सूं प्रभावित।