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जैन धर्म रे तेरापंथ धर्म संघ रा चौथा आचार्य। मूल नांव जीतमल हो, जय नाम सू साहित्य लेखन करता।
दादूपंथी संत कवि। अध्यात्म अर गुरु महिमा सूं सम्बंधित रचनावां।