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जैसलमेर रा कवि/ रचनाकार

कुल: 12

आईदान सिंह भाटी

आईदान सिंह भाटी

चावा कवि। कवितावां में लोकधर्मिता सारु राजस्थानी कविता जातरा में न्यारी ठौड़।

1952
आसराव रतनू

आसराव रतनू

पंदरहवै सईकै रा नामचीन कवि। जैसलमेर रावळ दुर्जनसाल रा समकालीन अर सहयोगी।

बाबा रामदेवजी

बाबा रामदेवजी

रामसा पीर, आलम राजा, निकलंक नेजाधारी आद विरद धारी। राजस्थान रा चावा लोक देवता अर समाज सुधारक। द्वारकाधीश रा अवतार मानीजै। अछूतोद्धारक महापुरुषों में आगीवाण नांव।

1352 - 1385
भांवरदान बारहठ ‘भांण’

भांवरदान बारहठ ‘भांण’

इण सदी रा कवि-लेखक।

1965
दीनदयाल ओझा

दीनदयाल ओझा

चावा लेखक-संपादक। समै-समै पर कविता कर्म ई।

1929 - 2024
हरदास मीसण

हरदास मीसण

मध्यकालीन डिंगल कवियां री पांत में आगीवाण नाम। भाषा प्रांजल डिंगल। 'जालंधर पुराण' अर 'भृंगी पुराण' नांव री दो प्रमुख रचनावां मिलै।

महेंद्रसिंह छायण

महेंद्रसिंह छायण

नूवी पीढ़ी रा कवि। 'इण धरती रै ऊजळ आंगण' कविता संग्रै माथे केन्द्रीय साहित्य अकादमी रौ युवा पुरस्कार।

1994
नांदण बारहठ

नांदण बारहठ

पन्दरवीं सदी रा डिंगल कवि। सुघड़ भाषा शैली में छप्पय अर डिंगल गीतां रो सिरजण। 'गोगराज चहुवाण रा छंद' अर 'ईश-भक्ति रा छप्पय' आद बांचणजोग रचनावां।

प्रवीण बारहठ ‘सांगड़’

प्रवीण बारहठ ‘सांगड़’

नूवी पीढ़ी रा कवि।

2005
राजा मानसिंह

राजा मानसिंह

जोधपुर रा महाराजा। नाथ पंथ में आस्था। रीति, सिणगार अर वीररस रा गीत भी मिळै।

1783 - 1843
रामदान बारहठ ‘सांगड़’

रामदान बारहठ ‘सांगड़’

इण सदी रा चावा कवि।

1932 - 2014
सोढी नाथी

सोढी नाथी

अमरकोट रे राणा भोज री बेटी अर जैसलमेर राज घराणा री बहू। मीरां बाई सूं प्रभावित भगवान कृष्ण रा अनन्य भगत व पश्चिमी राजस्थान री सिरै भगत कवयित्रियों में सूं एक।