
कवितावां
राजस्थानी कविता परम्परा में सामिल विधावां रो टाळवो संग्रै।
राजस्थानी कविता परम्परा में सामिल विधावां रो टाळवो संग्रै।
'पीथल' नांव सूं चावा। बीकानेर महाराजा रायसिंह रा छोटा भाई अर राजस्थानी रा सिरै कवि। वीर, सिणगार अर भगती आद सगळी विधावां में सिद्धहस्त।
नूवी पीढ़ी रा कवि-लेखक। 'मुळकै है कविता' शीर्षक सूं एक कविता संग्रै प्रकाशित। समीक्षा रै खेतर में ई सक्रिय।