
कवितावां
राजस्थानी कविता परम्परा में सामिल विधावां रो टाळवो संग्रै।
राजस्थानी कविता परम्परा में सामिल विधावां रो टाळवो संग्रै।
हाड़ौती खेतर मांय राजनीतिक चेतना रा आगीवांण अर आजादी रै संघ्रस में महताऊ योगदान। हाड़ौती बोली में जनता नै जगावण सारू कैई कवितावां अर गीतां रौ सिरजण।