प्रकाशदान चारण जलम: 1982 bikaner नूवी पीढ़ी रा कवि-लेखक। 'मुळकै है कविता' शीर्षक सूं एक कविता संग्रै प्रकाशित। समीक्षा रै खेतर में ई सक्रिय।
आभै रै अधबीच आंनै कुण जाणसी गवाळियो इमरत अर जैर कीरत रा कमठाण कूंत म्हारी मातभासा मुळकै है कविता रगताभ रोहीड़ो सुपनो क साच