देश री सीमा पर

अंधेरी, बर्फीली रात मांय

हाड कंपा देवणवाळी

ठण्ड सूं जूझता

भारत मा रा वीर सपूत

सावचेती सूं उभा रैवे

रात रै सरणाटै मांय।

उणां री

चौकस निजरां रै कारण

सगळो देस सोवै है

चैन री नींद

बिना किणी झिझक अर डर रै

गुमेज करै है

देश री जनता

लाडला वीर जवानां पर

जका घर, परिवार सूं दूर

डरावनी रात मांय डट्या है

सीमा री रूखाळी सारू।

वीर जवानां रो जीवन

जोखिम सूं भर्योड़ो,

सामणो करणो पड़ै है

आतंकियां अर उणां री

नापाक हरकतां सूं ,

जका ताक मांय रेवै

जवानां पर वार करणै रै

मौके री तालास मांय।

चायै नापाक हरकत

पाकिस्तान री हुवै

या हुवै चीन री,

सीमा रा रूखाळा

मा भारती रै आंचल पर

कदैई दाग नीं लागण दैवे,

निवण है भारत मा रै

अैड़ा वीर जवानां नै।

स्रोत
  • पोथी : कवि रै हाथां चुनियोड़ी ,
  • सिरजक : रामजीलाल घोड़ेला 'भारती'
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