रण उन्माद पर कवितावां

उन्माद असामान्य रूप

से और लगातार ऊंचे, विस्तृत या चिड़चिड़े मूड की स्थिति को संदर्भित करता है।

कविता25

पींपळ

सतीश छिम्पा

साथी

निशान्त

आग

जगदीशनाथ भादू 'प्रेम'

थारो अंधारो

मधु आचार्य 'आशावादी'

सांचोड़ौ समर-वीर

संतोष शेखावत ‘बरड़वा’

भ्रस्टाचार

जितेन्द्र निर्मोही

लड़त

संजय पुरोहित

म्हाभारत

जितेन्द्र निर्मोही

काळ

रामस्वरूप किसान

बाजो

सत्यनारायण ‘सत्य’

देस मांय

विप्लव व्यास

रातिंदो

गोरधन सिंह शेखावत

हठ

सुरेन्द्र डी सोनी

आओ सा! बात करां

मंगत बादल

लुगाई

भारती पुरोहित

लड़ोकण्या

कैलाश मंडेला

बेलड़ी

किरण राजपुरोहित 'नितिला'

जिकौ सूंप्यौ

गोरधन सिंह शेखावत

राड़ री जड़ बाड़

ओम पुरोहित ‘कागद’

आखड़'र पड़ैला

मधु आचार्य 'आशावादी'

बात

भारती पुरोहित

गायां लायौ गौरवै

संतोष शेखावत ‘बरड़वा’

तिरस सागै जीवणो

रेणुका व्यास 'नीलम'

निवण वीर जवानां नै

रामजीलाल घोड़ेला 'भारती'