एकांत पर कवितावां

एकांत का सामान्य अर्थ

शांत, सूना और शोरगुल-रहित स्थान है। मन के आंतरिक जगत का एकांत आध्यात्मिक अर्थ देता है। इस अर्थ में एकांत कविता और कला का एक अनुकूल पारितंत्र भी रचता है। एकाग्रचित्त, समर्पित, ध्याननिष्ठ के अर्थ में भाषा इसका प्रयोग करती रही है। कुछ प्रयोजनों में एकांत एकाकीपन का पर्याय हो उठता है।

कविता5

जोत उजाळी

कुन्दन माली

निवण वीर जवानां नै

रामजीलाल घोड़ेला 'भारती'

ध्वनि परस

रामस्वरूप किसान

निवेड़ौ

चन्द्र प्रकाश देवल

विरोधाभास

मोनिका गौड़