सुमिरण पर सोरठा

इष्ट और गुरु का सुमिरन

भक्ति-काव्य का प्रमुख ध्येय रहा है। प्रस्तुत चयन में सुमिरन के महत्त्व पर बल देती कविताओं को शामिल किया गया है।

सोरठा5

नशा जगत रा नीच

साह मोहनराज

सुपना सम संसार

साह मोहनराज

खडियाँ ऊसर खेत

साह मोहनराज

खाटी अपणी खाय

रायसिंह सांदू

रात-दिवस हिक रांम

रायसिंह सांदू