सुमिरण पर निसाणीं छंद

इष्ट और गुरु का सुमिरन

भक्ति-काव्य का प्रमुख ध्येय रहा है। प्रस्तुत चयन में सुमिरन के महत्त्व पर बल देती कविताओं को शामिल किया गया है।

निसाणीं छंद1

न्याय जगावै

स्वामी देवादास जी