समाज पर कहाणियां

औमतौर सूं किणी संगठित

समूह नै समाज केय दियौ जावै पण उणरौ विमर्श लांबौ अनै महताऊ है। अठै संकलित रचनावां समाज सबद रै औळै-दौळै रचियोड़ी है।

कहाणी6

छोटी-सी’क चादरड़ी

मेहरचंद धामू

होम करतां हाथ...

बैजनाथ पंवार

बनवारी नैं कुण मार्‌‌यौ?

पूर्ण शर्मा ‘पूरण’

गाभाचोर

भरत ओला

जमारौ

यादवेन्द्र शर्मा चन्द्र

बजंटी

शान्ति भारद्वाज