समाज पर कहाणियां

औमतौर सूं किणी संगठित

समूह नै समाज केय दियौ जावै पण उणरौ विमर्श लांबौ अनै महताऊ है। अठै संकलित रचनावां समाज सबद रै औळै-दौळै रचियोड़ी है।

कहाणी18

भांबी आळी भैंस

विजयदान देथा

छोटी-सी’क चादरड़ी

मेहरचंद धामू

ठाकर रौ आसण

विजयदान देथा

हरड़-भुसंदा हौ

विजयदान देथा

गादेल रौ परताप

विजयदान देथा

घोटौ अर पीवौ

विजयदान देथा

निगैदास्ती

विजयदान देथा

होम करतां हाथ...

बैजनाथ पंवार

ढोली री घोड़ी

विजयदान देथा

बनवारी नैं कुण मार्‌‌यौ?

पूर्ण शर्मा ‘पूरण’

गाभाचोर

भरत ओला

लेतौ जा

विजयदान देथा

जमारौ

यादवेन्द्र शर्मा चन्द्र

बजंटी

शान्ति भारद्वाज

मौका री उपज

विजयदान देथा

बारहठजी वाळी आंगळी

विजयदान देथा