भगती काव्य पर काव्य खंड

मध्यकाल में भक्ति आन्दोलन

की धारा में राजस्थान की शांत एवं सौम्य जलवायु में इस भू-भाग पर अनेक निर्गुणी एवं सगुणी संत-महात्माओं का आविर्भाव हुआ। इन उदारमना संतों ने ईश्वर भक्ति में एवं जन-सामान्य के कल्याणार्थ विपुल साहित्य की रचना यहाँ की लोक भाषा में की है। संत साहित्य अधिकांशतः पद्यमय ही है।

काव्य खंड8

शिव वंदना

सत्येंद्र चारण

दयाल माया द्वादसी

प्रवीण बारहठ ‘सांगड़’

मेहाई स्त्रोत

सत्येंद्र चारण

देवियांण

ईसरदास बारहठ

चराचर अवतार वरणाव

चिमनजी कविया

हरिरस

ईसरदास बारहठ

परमेसर पुराण

पीरदान लालस

मंगलाचरण

सांयाजी झूला