वैवार पर कहाणियां

वैवार सबद लोक में सांवठौ

अनै प्रतिबद्ध अर्थ राखै। वैवार सूं लोक रा आचार बणै अर बिगड़ै। अठै प्रस्तुत रचनावां वैवार रै वैवार माथै केन्द्रित है।

कहाणी7

लोहियांणा रो कुंवर

सौभाग्यसिंह शेखावत

लालजी पेमजी

रानी लक्ष्मीकुमारी चूणडावत

न्याय-इन्याय रो पइसो

भंवरलाल नाहटा

अबार अन्दाता नै अरज करूँ

भगवानदत्त गोस्वामी

लिछमी रो लाडलो

रामदेव आचार्य

सेंबर

नारायणदत्त ‘श्रीमाली’

पुटियौ काकौ

विजयदान देथा