वैवार पर गीत

वैवार सबद लोक में सांवठौ

अनै प्रतिबद्ध अर्थ राखै। वैवार सूं लोक रा आचार बणै अर बिगड़ै। अठै प्रस्तुत रचनावां वैवार रै वैवार माथै केन्द्रित है।

गीत9

दयोराणी

सोनी सांवरमल

अेक थैली रा अै चट्टा बट्टा

कुलदीप पारीक 'दीप'

बौ ई सागी

किशोर कल्पनाकान्त

जगत रा देख उजब दरसाव

आईदान सिंह भाटी

पर्यावरण गीत

उपेन्द्र अणु

थळवट री झमाळ

शक्तिदान कविया

मरुधर देस

कालूराम प्रजापति 'कमल'