
गीत
गीत में गेयता इण रो प्रधान गुण हुवै। स्वर अर ताल लय रै सबदां री जोड़ सूं चावी रचना गीत हुवै है। राजस्थानी गीत काव्य परंपरा री लूंठी विधा है।
गीत में गेयता इण रो प्रधान गुण हुवै। स्वर अर ताल लय रै सबदां री जोड़ सूं चावी रचना गीत हुवै है। राजस्थानी गीत काव्य परंपरा री लूंठी विधा है।
अनेकूं दुर्लभ पोथ्यां रा संपादक। सं. 2001 रै दिनाजपुर भाषण सूं ख़ास ओळख। ख्यात गीत 'वीर भू री वीर वाणी' रा रचैता।
नूवी पीढ़ी रा ऊरमावान कवि-गद्यकार। छंद री ठावी समझ। 'डांडी रौ उथळाव' नांव सूं कविता संग्रै प्रकाशित।