
गीत
गीत में गेयता इण रो प्रधान गुण हुवै। स्वर अर ताल लय रै सबदां री जोड़ सूं चावी रचना गीत हुवै है। राजस्थानी गीत काव्य परंपरा री लूंठी विधा है।
गीत में गेयता इण रो प्रधान गुण हुवै। स्वर अर ताल लय रै सबदां री जोड़ सूं चावी रचना गीत हुवै है। राजस्थानी गीत काव्य परंपरा री लूंठी विधा है।
राजस्थानी कविता जातरा रा सिरैनांव कवि-गीतकार। 'सैनाणी' कविता सारु खास पिछाण।
प्रगतिसील धारा रा सिरैनांव कवि। 'धोरा वाळा देस जाग रे' कविता सूं जनता रै हियै मांय आपरी जिग्यां बणावणिया।
मंचा माथै आपरै गीतां सूं ठावी पिछाण बणाई है। कवितावां में आपरै असवाड़ै-पसवाड़ै री चिंतावां नै सामीं लावै।
सुपरिचित कवि। 'द्वारका' कविता संग्रै माथै केंद्रीय साहित्य अकादमी रौ सिरै पुरस्कार।
सिरै कवि-गीतकार। 'ताम झाम सा' अर 'बाबा थारी बकरियां बिदाम खावै रै' जेड़ा गीतां सूं ख्याति।