
गीत
गीत में गेयता इण रो प्रधान गुण हुवै। स्वर अर ताल लय रै सबदां री जोड़ सूं चावी रचना गीत हुवै है। राजस्थानी गीत काव्य परंपरा री लूंठी विधा है।
गीत में गेयता इण रो प्रधान गुण हुवै। स्वर अर ताल लय रै सबदां री जोड़ सूं चावी रचना गीत हुवै है। राजस्थानी गीत काव्य परंपरा री लूंठी विधा है।
कवि-लेखक अर पत्रकार। ‘गम्योड़ा सबद’, ‘म्हारो काळजो’ नांव सूं कविता संकलन प्रकाशित।
परवर्ती डिंगल कवियों में सिरै नांव कवि। वीररस रा अद्भुत डिंगल गीतां खातर चावा।