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अंजस सोशल मीडिया
भगती पर पद
भगती विषयक काव्य-रूपों
रौ संकलन।
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पद
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भुजंगप्रयात छंद
छंद बेअक्खरी
सारसी छंद
ग़ज़ल
रास
पद
35
पपइया रे! पिव की बाणी न बोल
मीराबाई
सोवंन लंक खळोकरि गाहि
मेहा गोदारा
साधो ऐसी खेती करिये
संत दरियाव जी
भज मन! चरण-कंवल अविनासी
मीराबाई
दिलदार मेरे सइयाँ
आत्माराम 'रामस्नेही संत'
राहण शाहपुरा में भुरकी
संत सुखरामदास
सखी! मेरी नींद नसानी
मीराबाई
लंक विळूधा बांदरा
मेहा गोदारा
सांवरिया म्हे कांई ऐसा भोळा जी
समान बाई
भजि रे मन हरिचरण
बखना जी
मेरे मन के माने मोहनलाल
बखना जी
सुदामा कूं देखत राम हँसे
मीराबाई
घर आवो जी स्याम भलांई सूं
समान बाई
राम खंणावै रांमसर
मेहा गोदारा
राम बिन भाव करम नहिं छूटै
संत दरियाव जी
जा दासी ग्वाला नै कीज्यो
समान बाई
जावो निरमोहियो! जाणी तेरी प्रीत
मीराबाई
आडा डूंगर वीझवंग
मेहा गोदारा
जसोदा राणी लाला कूं पौढावै
समान बाई
मैं तो सांवरे के रंग राची
मीराबाई
काजी कथे कुराणों
जांभोजी
साधो एक अचम्भा दीठा
संत दरियाव जी
हेलो म्हारो सुणज्यो जी जगदीश
समान बाई
पग घुंघरू बांधि मीरां नाची
मीराबाई
जोगिया री प्रीतड़ी है दुखड़ा रो मूळ
मीराबाई
जीव बटाउ रे बहतो भाई मारग माहिं
संत दरियाव जी
आली! म्हांनै लागै विंद्रावन नीको
मीराबाई
पकड़ि पकड़ि मन को बैठाइ
बखना जी
हूं बूझूं पंडित जोसी!
मीराबाई
जाके उर उपजी नहिं भाई
संत दरियाव जी
बल बल भणत व्यासूं
जांभोजी
हरि कैहर गये परसूं
समान बाई
दिलदार मेरे प्यारे
आत्माराम 'रामस्नेही संत'
माई री! मैं तो लियो गोविंदो मोल
मीराबाई
नाथ क्यों एतो कष्ट सहायो
समान बाई