भगती पर सबद

भगती विषयक काव्य-रूपों

रौ संकलन।

सबद49

सजन सनेह रा वे

हरिदास निरंजनी

गुरु रूप तणौं दरबार

आत्माराम 'रामस्नेही संत'

बारे मासी

संत मावजी

राम रस मीठा रे अब

हरिदास निरंजनी

राम रस ऐसा रे

हरिदास निरंजनी

राम भजन हिरदै नहीं हेत

हरिदास निरंजनी

चेतावनी भजन

ऊमरदान लालस

तब हम हरि गुण गावेंगे

हरिदास निरंजनी

तब हरि हम कूँ जांणैंगे

हरिदास निरंजनी

सखि हो..! गगन गरजि घन आये

हरिदास निरंजनी

दस अवतार दसूँ ए देसी

हरिदास निरंजनी

आगमवाणी

संत मावजी

संतो..! राम रजा मैं रहिए

हरिदास निरंजनी