हीयै में नीं हरख नीं पिछतावौ

नीं गुमांन नीं पतियारौ

पण पेट में कबजी

दांतां में अजवांण

अर साम्हीं-सांम

साटै री बेल ज्यूं खुरड़ां में

आंटी घालतौ चितरांम

अंबादास रौ

उघाड़ा जिनावर उघाड़ा रूंख

उघाड़ी सरवरियै री पाळ

उघाड़ौ निरमळ जळ

रंग उघाड़ा अर ऊजळा

ढकियौड़ा भांडां में बासी खीच

दिन-दिन बूफण लागै

भंवराळा केसां में दुनियां रौ काळस

उणियार ऊन्याळां रा घाव

बोबा में बम्ब

बाजुवां में घमसांण

साथळ— सोनै री लंका में लाग्यौड़ी आग

रूं रूं में रमियोड़ौ मालकौंस राग!

चकरी ज्यं घूमै

रूप-दांव सांतरौ

गोडां माथै अैक नागौ-बूचौ

गीडाळौ टाबर

खावै नीठ बज्जर खांखरौ

सूज्यौड़ा डोळां में

हिन्द रा हिबौळा

राजाजी रूस्यौड़ा रांणी जी बौळा!

स्रोत
  • पोथी : पगफेरौ ,
  • सिरजक : मणि मधुकर ,
  • प्रकाशक : अकथ प्रकासण, जयपुर ,
  • संस्करण : प्रथम संस्करण
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