मिनख-मिनख री मार, गळ्यां में मच रैयो हाहाकार,

कै मनड़ा सुण-सुणकै चित्कार, काळजो कळपै है!

मर रैयो है बिस्वास, बता तूं, कियां द्‌यां हिमळास?

कै मनड़ा, टूटी सगळी आस, मानखो तड़फै है!

प्यार बण्यो हथियार, बता अब किण सूं करां गुहार?

कै मनड़ा छांगै बीच-बजार, कै छिंटा उछळे है!

उधड़ै तन री खाल, दुसमी बणग्या मां रा लाल,

कै मनड़ा, मोबी करै कमाल, लाडका बिकर्‌या है!

बमां रा बिस्फोट, कै सीधी दिल पर लागै चोट,

कै मनड़ा, उडै मिनख री बोट, लोथड़ा खिंडरया है!

नेता खेलै खेल, अफसर बण्या फिरै है रखैल,

कै मनड़ा, सिस्टम होयग्यो फेल, कायदा मिटर्‌या है!

सून्य हुया सै भाव, काळजै नित-नित लागै घाव,

कै मनड़ा, उठै, हियै में हाय, आपणां मरर्‌या है!

धरती करै पुकार, अब तो तोड़ जुलम री धार,

कै मनड़ा, उठा हाथ हथियार, देस तेरो है।

स्रोत
  • पोथी : ऊरमा रा अैनांण ,
  • सिरजक : कपिलदेव आर्य ,
  • संपादक : हरीश बी. शर्मा ,
  • प्रकाशक : साहित्य अकादमी दिल्ली
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